प्रेमचंद की कहानी पूस की रात

पूस की रात

हिंदी के सर्वाधिक लोकप्रिय कहानीकार-उपन्यासकार प्रेमचंद की 31 जुलाई को जयंती है। हिंदी साहित्य में उनका क्या स्थान है इसे इसी से समझा जा सकता है कि हिंदी कहानी और उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936 तक के कालखंड को “प्रेमचंद युग” कहा जाता है। प्रस्तुत है किसान के श्रम, संघर्ष और दीनता का मर्मस्पर्शी चित्रण करती उनकी कालजयी कहानी- पूस की रात।
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