सुरेश बाबू मिश्र

रामधारी सिंह दिनकर : विद्रोही कवि जो बन गया राष्ट्र कवि

  • जयन्ती 23 सितम्बर पर विशेष 

कुरुक्षेत्र एवं उर्वशी जैसी कालजयी कृतियों के रचयिता रामधारी सिंह दिनकर हिन्दी साहित्य के एक जाज्वल्यमान नक्षत्र हैं और उनका यश कभी मद्धम नहीं होगा। स्वंत्रता से पहले वह एक विद्रोही कवि के रूप में जाने जाते थे। स्वतंत्रता के बाद उनको राष्ट्र कवि के रूप में पहचान मिली। वे एक ख्यातिलब्ध लेखक, ओजस्वी कवि एवं सफ़ल निबन्धकार थे। उनकी रचनाएं हिन्दी साहित्य की अनमोल धरोहर हैं। द्वापर युग की ऐतिहासिक घटना महाभारत पर आधारित उनके प्रबन्ध काव्य कुरुक्षेत्र को विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ काव्यों में 74वाँ स्थान दिया गया है।

दुष्यन्त कुमार : गजलकार जो बन गया जन-जन की आवाज

दुष्यन्त कुमार

-जयंती 1 सितम्बर पर विशेष-

दुष्यन्त कुमार का नाम हिंदी साहित्य में बड़े आदर के साथ लिया जाता है। उन्होँने हिंदी गजल के क्षेत्र में नये-नये आयाम गढ़े। उनकी कालजयी गजलों ने साहित्य जगत में धूम मचा दी। आज कोई भी राजनीतिक सभा हो या फिर किसी यूनियन का धरना-प्रदर्शन, कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम हो या फिर सहित्यिक गोष्ठी, सभी में वक्ताओं के मुंह से दुष्यन्त कुमार की शेरों की गूँज अवश्य सुनायी देती है ।

 

दुष्यन्त कुमार : गजलकार जो बन गया जन-जन की आवाज

दुष्यन्त कुमार

-जयंती 1 सितम्बर पर विशेष-

दुष्यन्त कुमार का नाम हिंदी साहित्य में बड़े आदर के साथ लिया जाता है। उन्होँने हिंदी गजल के क्षेत्र में नये-नये आयाम गढ़े। उनकी कालजयी गजलों ने साहित्य जगत में धूम मचा दी। आज कोई भी राजनीतिक सभा हो या फिर किसी यूनियन का धरना-प्रदर्शन, कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम हो या फिर सहित्यिक गोष्ठी, सभी में वक्ताओं के मुंह से दुष्यन्त कुमार की शेरों की गूँज अवश्य सुनायी देती है ।