गजेन्द्र त्रिपाठी की कविता- बनैला संपादक

बनैला संपादक

आया था वह नया संपादक
दिल्ली से वाया लखनऊ-
कार से
उसके आने से पहले ही पहुंच चुकी थी
उसके किस्सों की फेहरिस्त
और वह लिस्ट भी कि
किस-किस की बिगाड़ेगा वह
ताकि फैल सके आतंक
और स्थापित हो सके एकछत्र साम्राज्य।